माझी वांगमयशेती घाट्यात गेली पण माझ्या वाङ्मयशेतीशेतीला चांगले भाव मिळत आहेत.
किसी इन्सान को रोटी खिलाकर आप एक दिन के लिए उसका पेट भर देंगे!
उसी इन्सान को रोटी कमाने का तरिका बताने के लिये आप लंबा चौडा भाषण भी ठोक देंगे!
लेकिन.... अगर वह कोई काम करता है, तो उसका उचित मुआवजा देना आप कतई स्विकार नही करोगे..! आपको उसका पसिना सस्ते मे चाहिये...!! चाहे वह भुखा मरे या सुसाईड करे....!!!
है ना? जरा अपने गिरेबानमे झांककर तो देखिये भाईसाब, कही मै गलत तो नही लिख बैठा??
- गंगाधर मुटे ----------------------------------------
वाचकांच्या भेटी