वादळाची जात अण्णा
माणसे खंबीरतेने, टाकतेया कात अण्णा
इंडियाला भावला हा, एक झंझावात अण्णा
धर्म सत्तेचा कळेना, का असा सोकावलेला?
भ्रष्ट नेते मोकळे अन, कोठडीच्या आत अण्णा
भ्रष्ट आचारास सत्ता, मुख्य झाला स्रोत आहे
घाव घाला केंद्रस्थानी, एकदा द्या मात अण्णा
एक आशेचा उमाळा, शोधताहे देशवासी
चेतना चिंतामणीची, भासते बरसात अण्णा
आस अण्णा श्वास अण्णा, अभयतेचा ध्यास अण्णा
अग्निलाही पोळणार्या, वादळाची जात अण्णा
- गंगाधर मुटे
-----------------------------------------------------------------------------------------------------
-----------------------------------------------------------------------------------------
प्रतिक्रिया
Suresh Shirodkar
आस अण्णा श्वास अण्णा, अभयतेचा ध्यास अण्णा
अग्निलाही पोळणार्या, वादळाची जात अण्णा
व्वा!! सुन्दर.
"इंडियाला" ऐवजी "भारताला" चालल असत ना?
गंगाधर मुटे
नमस्कार,
अण्णांच्या विचारसरणीत मला "इंडिया" दिसतो. "भारत" दिसत नाही.
पण या क्षणी आंदोलन सुरू असताना हा वाद नको.
आपण आंदोलन संपले की मग या विषयावर चर्चा करू.
----------------------------------------------------------------------
अण्णा, सेवाग्रामला या! दारूने आंघोळ करू…..!!
अनिल रत्नाकर
गझल सुंदर आहेच.
तसे तुम्ही तुमच्या साहित्यातुन, काव्यातुन, नागपुरी तडक्यातुन
समाजजागृती करतच असता.
माझ्या बाळबोध लेखनालाही आपण प्रतिसाद देता हा आपला मोठेपणा.
धन्यवाद.